दर्जी जाति का इतिहास - गोत्र और उत्पत्ति
इतिहास: उत्पत्ति: गौत्र: चौहान, तोमर, बड़गुजर, सिसोदिया, जादौन, सोलंकी, पंवार, परमार, छौंकर, भाटी, पुंडीर, तंवर, चावड़ा, कछवाह, गहलोत, गोयल, हाड़ा, दहिय…
एक निवेदन: जब हम समाज का चिंतन करें और वर्तमान हालात को देखते हुए ये समझ ना आये की क्या होना चाहिए तो सिर्फ एक चीज पर स्टैंड रहना चाहिए कि हम दर्जी है वो भी राजपूत बाले अगर इतना भी करोगे तो समाज मे आपका योगदान भले ना हो लेकिन आप समाज विरोधी नही रहोगे ।
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इतिहास: उत्पत्ति: गौत्र: चौहान, तोमर, बड़गुजर, सिसोदिया, जादौन, सोलंकी, पंवार, परमार, छौंकर, भाटी, पुंडीर, तंवर, चावड़ा, कछवाह, गहलोत, गोयल, हाड़ा, दहिय…
भारतवर्ष के उत्तरी विभाग शीतप्राय और दक्षिणी गर्म होने के कारण अपनी अपनी आवश्यकता के अनुसार वस्त्र भिन्न भिन्न प्रकार के पहने जाते थे। थोड़े …
*अपील* छीपा जाति संत नामदेव जी (जो की छीपा जाती से थे) के नाम का सहारा लेकर सिलाई करने वाली अन्य गैर दर्जी जातियो को मिलाकर देश भर के दर्जी राजपू…
आंदोलन से जुड़े सिर्फ दर्जी राजपूत हमारे आन्दोलन से सिर्फ वही *दर्जी राजपूत* लोग जुड़े, जो छीपा-छिपी व अन्य जाति नही है। 1. क्योकि पूरे देशभर में दर…
आज के समय में दर्जी का कार्य करने वाले देश में बहुत से भारतीय हैं जिनमे से कुछ कामगार यूनियन के माध्यम से जुड़ें हुए हैं जिनमें से एक का ना…
दर्जी राजपूत समाज के जागरूकता अभियान का समर्थन करने वाले माननीय बंधुओं की सूची इस …
दर्जी राजपूत - (एक ऐसा समुदाय जिसे राजपूतों ने बनाया): वे राजपूत जिन्होने राजऋिषि संत पीपाजी के उपदेश पर अथवा अहिंसक कर्मपथ का अनुशरण करते हुये…
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