दर्जी जाति को गुमराह करने वाली पत्रिका

 


*अपील*

छीपा जाति संत नामदेव जी (जो की छीपा जाती से थे) के नाम का सहारा लेकर सिलाई करने वाली अन्य गैर दर्जी जातियो को मिलाकर देश भर के दर्जी राजपूत समाज को गुमराह करने का प्रयत्न कर रही है, जिसमे मुख्य भूमिका छीपा जाति की है। मै देशभर के समस्त दर्जी राजपूत समाज से अपील करता हु की दर्जी राजपूत समाज को भ्रमित और गुमराह करने वाले लोगो संगठन और संस्थाओ के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करनी चाहिए। 

-- दर्जी राजपूत जाति सिर्फ हमारी है किसी और जाति को ना समाज में घुसने देंगे और ना समाज का हक़ नहीं छीनने देंगे

-- ऐसे मौका परास्त लोगो का  *दर्जी राजपूत बचाओ आंदोलन* पुरजोर विरोध करता है।

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""पंढरपुर में समाज की *तीन प्रमुख* संस्थाओं का संगम ""

पत्रिका में छपी खबर में उपरोक्त शीर्षक, के ऊपर लिखी पंक्तियों में तीनों संस्थाओं में से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी मंडल में,दिल्ली एनसीआर में कोई अस्तित्व बिल्कुल नहीं हैं।और जिनका है उनको तो लिखा ही नहीं गया है 🤔, फिर इस क्षेत्र के सक्रिय बंधु ऐसी हरकतों के खिलाफ कुछ क्योँ नहीं कह पा रहे?

यहां चुप्पी तो एक कहाबत चरितार्थ करती है कि,बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना।

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विरोध करेंगे, तो फूल माला कौन पहनाएगा।

-- मेहनत कौन करे, बुराई कौन ले

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🌷अतीत से सक्रिय,सजातीय भृमित महानुभावों, के बताये गलत रास्तों पर चलकर ही मासूम दर्जी आमजन आज,खुद का विनाश कर बैठा है।

 🌷अगर सभी लोग जिनको समाज में विसंगतियों की समझ है,और इनसे बचना चाहते हैं, तो भृमित लोगों और रिश्तेदारों के बताये रास्ते पर पुनर्विचार करके भूल सुधार करें।

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