हमने दर्जी राजपूतो की जितनी भी संस्थाए देखी और सुनी वो सिर्फ एक जिले, एक राज्य अथवा अपनी रिश्तेदारी तक सीमित रहती है।- हमे उस समाज का निर्माण करना है, जो देशभर में दर्जी राजपूतो की एकीकरण-विकास और मान-सम्मान के लिए प्रतिबद्ध हो
- सभी लोग आंदोलन का समर्थन करे क्योकि यह कोई संस्था नहीं यह एक मंच है देश के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित राज्यों के दर्जी राजपूतो को एक मंच पर लाकर जातिगत विवाद को ख़त्म करने का।
- आज अपने इस अभियान में भले ही कम लोग सक्रिय हैं परंतु जैसे जैसे यह व्यापक,प्रतिष्ठित, और निरंतरता में होगा,लोग इसको स्वीकार करके जुड़ेंगे,खुद को अपनी कॉलोनी,कार्यालयों में खुलकर कहेंगे कि हम हैं दर्जी राजपूत अतीत के पूर्ण क्षत्रिय। इसके अगले चरण में हमारे पड़ोसी भी हमको पीठ पीछे दर्जी राजपूत कहकर पुकारेंगे।
- सभी भाईयो को राधे राधे भाईयो जो आज कल चल रहा है कि दर्जी बचाओ आंदोलन तो किया दर्जी राजपूत इतने कमजोर है कि उन्हें कोई खा जाए या मिटा दे अगर ऐसा है तो फिर आप सभी दर्जी राजपूत हो ही नहीं सकते हा ये कह सकते है कि दर्जी राजपूत एक हो एक दिशा में और एक विचार धारा में समाज को एक करके अपने समाज को गर्व शाली वनो वाकी आप सभी समझ दार है।
- आंदोलन का मुख्य उद्देश्य: सभी समाज बंधुओ को मानसिक और ऐतिहासिक तथ्य के आधार पर जाति का इतिहास किसी के बताए जाने पर एक जैसा बताना। जब ऐतिहासिक जानकारी के आधार पर हम सब एक सूत्र में बंधे होंगे तब कोई छीपा, छीपी, नामदेव,........etc. कोई समाज को हाईजैक करने को सोचेगा भी नही।
- जब तक समाज को जोड़ने की बागडोर, फूल माला प्रेमियों के हाथ में रहेगी, यही चलता रहेगा
- जो भी व्यक्ति समाज सेवा करने आता है नया उपनाम ले आता है, क्यो भाई ???, नई कहानी बना लेता है। समाज को दर्जी शब्द से दूर ले जाने वाले 99% है। समाज मे घुस रही गंदगी से लड़ने वालों के नाम आप 1% भी मुश्किल से। उन्हें भी तो पता चले कि दर्जी राजपूत है कौन।
- राजपूती खून कब से अपने इतिहास के साथ छेड़ छाड़ करने लगा । कुछ चंद स्वार्थी लोगो ने सिर्फ समाज को गुमराह किया है। न इतिहास का पता और उसको कभी जानने और पढ़ने की कोशिश की। ये कैसा मरा हुआ खून है जो उबल ही नही रहा है ।छीपा नामदेव का उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर में ही, दर्जी राजपूत के साथ जोड़ा जा रहा है। हर जगह पोस्टर पर अति पिछड़ा लिखवाकर समाज की दुर्दशा करने पर तुले हुए हैं। बेशर्मी के साथ वहां खड़े होकर दर्जी राजपूत और छीपा को एक बता कर फोटो खिंचवा रहे हैं। ये सब सिर्फ स्वार्थी लोग हैं जिन्हें न इतिहास को बचाना है सिर्फ समाज के साथ धोखा ही करना है।
- ऐसे लोग जो दो नाव पर सवार होकर चल रहे हैं उनके लिए सिर्फ एक प्रश्न है: क्या आप राजपूत वंशावली वाले दर्जी यानी दर्जी राजपूत हैं? हां: तो किसने आपको रोका है कि आप आंदोलन का हिस्सा नहीं बनना चाह रहे हैं। नही: तब तो आपको हम जानते भी नहीं हैं तब सिर्फ आप अतिक्रमण कारी हैं।
- दर्जी राजपूत जाति का एक वर्ग जो पहले काकुत्स्थ बना अब नामदेव की चपेट में है। केवल कुछ राजनीति के लालची लोगो की बजह से। इसलिए हर जगह विरोध जरूरी है।
- दर्जी राजपूत समाज मे गन्दगी इतनी फैलती जा रही है कि हमारा समाज विलुप्त होने की कगार पर है। कुछ दिनों बाद आधा समाज छीपा में तो आधा ठाकुर में चला जायेगा। इसलिए जरूरी है कि हम अपने समाज को बचाएं।